
हाल-ए-दिल हम भी सुनाते लेकिन,
जब वो रुख़्सत हुआ तब याद आया|
नासिर काज़मी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
हाल-ए-दिल हम भी सुनाते लेकिन,
जब वो रुख़्सत हुआ तब याद आया|
नासिर काज़मी