
इक और दरिया का सामना था ‘मुनीर’ मुझको,
मैं एक दरिया के पार उतरा तो मैं ने देखा|
मुनीर नियाज़ी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
इक और दरिया का सामना था ‘मुनीर’ मुझको,
मैं एक दरिया के पार उतरा तो मैं ने देखा|
मुनीर नियाज़ी