
कभी ख़ुश कर गई मुझको तिरी याद,
कभी आँखों में आँसू आ गया है|
फ़िराक़ गोरखपुरी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
कभी ख़ुश कर गई मुझको तिरी याद,
कभी आँखों में आँसू आ गया है|
फ़िराक़ गोरखपुरी