
चराग़-ओ-आफ़्ताब ग़ुम, बड़ी हसीन रात थी,
शबाब की नक़ाब ग़ुम, बड़ी हसीन रात थी|
सुदर्शन फ़ाकिर
आसमान धुनिए के छप्पर सा
चराग़-ओ-आफ़्ताब ग़ुम, बड़ी हसीन रात थी,
शबाब की नक़ाब ग़ुम, बड़ी हसीन रात थी|
सुदर्शन फ़ाकिर