
अपनी नज़रों में गुनाहगार न होते, क्यों कर,
दिल ही दुश्मन हैं मुख़ालिफ़ के गवाहों की तरह|
सुदर्शन फ़ाकिर
आसमान धुनिए के छप्पर सा
अपनी नज़रों में गुनाहगार न होते, क्यों कर,
दिल ही दुश्मन हैं मुख़ालिफ़ के गवाहों की तरह|
सुदर्शन फ़ाकिर