
आप इल्ज़ाम धर गये हम पर एक एहसान कर गये हम पर,
आपकी ये मेहरबानी है मेहरबानी को नाम क्या दें हम|
सुदर्शन फ़ाकिर
आसमान धुनिए के छप्पर सा
आप इल्ज़ाम धर गये हम पर एक एहसान कर गये हम पर,
आपकी ये मेहरबानी है मेहरबानी को नाम क्या दें हम|
सुदर्शन फ़ाकिर