
लबों से लब जो मिल गए, लबों से लब जो सिल गए,
सवाल ग़ुम जवाब ग़ुम, बड़ी हसीन रात थी|
सुदर्शन फ़ाकिर
आसमान धुनिए के छप्पर सा
लबों से लब जो मिल गए, लबों से लब जो सिल गए,
सवाल ग़ुम जवाब ग़ुम, बड़ी हसीन रात थी|
सुदर्शन फ़ाकिर