
कम नहीं नश्शे में जाड़े की गुलाबी रातें,
और अगर तेरी जवानी भी मिला दी जाए|
जाँ निसार अख़्तर
आसमान धुनिए के छप्पर सा
कम नहीं नश्शे में जाड़े की गुलाबी रातें,
और अगर तेरी जवानी भी मिला दी जाए|
जाँ निसार अख़्तर