
और तो कौन है जो मुझ को तसल्ली देता,
हाथ रख देती हैं दिल पर तिरी बातें अक्सर|
जाँ निसार अख़्तर
आसमान धुनिए के छप्पर सा
और तो कौन है जो मुझ को तसल्ली देता,
हाथ रख देती हैं दिल पर तिरी बातें अक्सर|
जाँ निसार अख़्तर