
अफ़्सानों की क़िंदीलें हैं अन-देखीं मेहराबों में,
लोग जिसे सहरा कहते हैं दीवानों की बस्ती है|
राही मासूम रज़ा
आसमान धुनिए के छप्पर सा
अफ़्सानों की क़िंदीलें हैं अन-देखीं मेहराबों में,
लोग जिसे सहरा कहते हैं दीवानों की बस्ती है|
राही मासूम रज़ा
very nice.
Thanks a lot ji