
दरवाज़े के अंदर इक दरवाज़ा और,
छुपा हुआ है मुझ में जाने क्या क्या और|
राजेश रेड्डी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
दरवाज़े के अंदर इक दरवाज़ा और,
छुपा हुआ है मुझ में जाने क्या क्या और|
राजेश रेड्डी
very nice.
ट
Thanks a lot ji