मुझ में जाने क्या क्या और!

दरवाज़े के अंदर इक दरवाज़ा और,
छुपा हुआ है मुझ में जाने क्या क्या और|

राजेश रेड्डी

2 Comments

    1. shri.krishna.sharma says:


      Thanks a lot ji

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