
दिल में कितने अहद बाँधे थे भुलाने के उसे,
वो मिला तो सब इरादे तोड़ना अच्छा लगा|
अमजद इस्लाम अमजद
आसमान धुनिए के छप्पर सा
दिल में कितने अहद बाँधे थे भुलाने के उसे,
वो मिला तो सब इरादे तोड़ना अच्छा लगा|
अमजद इस्लाम अमजद