
दूर रह कर न करो बात क़रीब आ जाओ,
याद रह जाएगी ये रात क़रीब आ जाओ|
साहिर लुधियानवी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
दूर रह कर न करो बात क़रीब आ जाओ,
याद रह जाएगी ये रात क़रीब आ जाओ|
साहिर लुधियानवी