परिंदों को दरख़्तों से उड़ाकर!

क्या जानिए क्यूँ तेज़ हवा सोच में गुम है,
ख़्वाबीदा परिंदों को दरख़्तों से उड़ाकर|

मोहसिन नक़वी

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