
क्या जानिए क्यूँ तेज़ हवा सोच में गुम है,
ख़्वाबीदा परिंदों को दरख़्तों से उड़ाकर|
मोहसिन नक़वी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
क्या जानिए क्यूँ तेज़ हवा सोच में गुम है,
ख़्वाबीदा परिंदों को दरख़्तों से उड़ाकर|
मोहसिन नक़वी