
कुछ कहने का वक़्त नहीं ये कुछ न कहो ख़ामोश रहो,
ऐ लोगो ख़ामोश रहो हाँ ऐ लोगो ख़ामोश रहो|
इब्न ए इंशा
आसमान धुनिए के छप्पर सा
कुछ कहने का वक़्त नहीं ये कुछ न कहो ख़ामोश रहो,
ऐ लोगो ख़ामोश रहो हाँ ऐ लोगो ख़ामोश रहो|
इब्न ए इंशा