सोचो हाँ फिर सोचो ख़ामोश रहो!

महबस में कुछ हब्स है और ज़ंजीर का आहन चुभता है,
फिर सोचो हाँ फिर सोचो हाँ फिर सोचो ख़ामोश रहो|

इब्न ए इंशा

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