
वो मुझसे बढ़ के ज़ब्त का आदी था जी गया,
वर्ना हर एक साँस क़यामत उसे भी थी|
मोहसिन नक़वी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
वो मुझसे बढ़ के ज़ब्त का आदी था जी गया,
वर्ना हर एक साँस क़यामत उसे भी थी|
मोहसिन नक़वी