इश्क़ का मारा जाने है!

क्या क्या फ़ित्ने सर पर उसके लाता है माशूक़ अपना,
जिस बे-दिल बे-ताब-ओ-तवाँ को इश्क़ का मारा जाने है|

मीर तक़ी मीर

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