
दिल की चोटों ने कभी चैन से रहने न दिया,
जब चली सर्द हवा मैंने तुझे याद किया|
जोश मलीहाबादी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
दिल की चोटों ने कभी चैन से रहने न दिया,
जब चली सर्द हवा मैंने तुझे याद किया|
जोश मलीहाबादी