याँ नाम-ओ-नसब की पूछ कहाँ!

मैदान-ए-वफ़ा दरबार नहीं याँ नाम-ओ-नसब की पूछ कहाँ,
आशिक़ तो किसी का नाम नहीं कुछ इश्क़ किसी की ज़ात नहीं|

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

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