
कोई आहट कोई आवाज़ कोई चाप नहीं,
दिल की गलियाँ बड़ी सुनसान हैं आए कोई|
परवीन शाकिर
आसमान धुनिए के छप्पर सा
कोई आहट कोई आवाज़ कोई चाप नहीं,
दिल की गलियाँ बड़ी सुनसान हैं आए कोई|
परवीन शाकिर