
कारोबार-ए-रसन-ओ-दार की तशहीर हुई,
सरफ़रोशी के यहाँ कितने बहाने निकले|
रज़ा अमरोहवी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
कारोबार-ए-रसन-ओ-दार की तशहीर हुई,
सरफ़रोशी के यहाँ कितने बहाने निकले|
रज़ा अमरोहवी