
अपने घर संग-ए-मलामत की हुई है बारिश,
बे-गुनाही की सनद हम जो दिखाने निकले|
रज़ा अमरोहवी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
अपने घर संग-ए-मलामत की हुई है बारिश,
बे-गुनाही की सनद हम जो दिखाने निकले|
रज़ा अमरोहवी