
किसी की हालत-ए-दिल सुन के उठ गईं आँखें,
कि जान पड़ गई हसरत भरे फ़साने में|
फ़िराक़ गोरखपुरी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
किसी की हालत-ए-दिल सुन के उठ गईं आँखें,
कि जान पड़ गई हसरत भरे फ़साने में|
फ़िराक़ गोरखपुरी