कहीं तेरा हाथ जला न दे!

मिरे दिल की राख कुरेद मत इसे मुस्कुरा के हवा न दे,
ये चराग़ फिर भी चराग़ है कहीं तेरा हाथ जला न दे|

बशीर बद्र

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