
ज़रा देख चाँद की पत्तियों ने बिखर बिखर के तमाम शब,
तिरा नाम लिक्खा है रेत पर कोई लहर आ के मिटा न दे|
बशीर बद्र
आसमान धुनिए के छप्पर सा
ज़रा देख चाँद की पत्तियों ने बिखर बिखर के तमाम शब,
तिरा नाम लिक्खा है रेत पर कोई लहर आ के मिटा न दे|
बशीर बद्र