
शाम आई तो बिछड़े हुए हम-सफ़र,
आँसुओं से इन आँखों में आते रहे|
वसीम बरेलवी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
शाम आई तो बिछड़े हुए हम-सफ़र,
आँसुओं से इन आँखों में आते रहे|
वसीम बरेलवी
Am spellbound. Simply beautiful.
Thanks a lot ji