
वो पयम्बर हो कि आशिक़ क़त्ल-गाह-ए-शौक़ में,
ताज काँटों का किसे दुनिया ने पहनाया न था|
क़तील शिफ़ाई
आसमान धुनिए के छप्पर सा
वो पयम्बर हो कि आशिक़ क़त्ल-गाह-ए-शौक़ में,
ताज काँटों का किसे दुनिया ने पहनाया न था|
क़तील शिफ़ाई