किसे दुनिया ने पहनाया न था!

वो पयम्बर हो कि आशिक़ क़त्ल-गाह-ए-शौक़ में,
ताज काँटों का किसे दुनिया ने पहनाया न था|

क़तील शिफ़ाई

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