
वो टीस कि उभरी थी इधर याद रहेगी,
वो दर्द कि उट्ठा था यहाँ याद रहेगा|
इब्न-ए-इंशा
आसमान धुनिए के छप्पर सा
वो टीस कि उभरी थी इधर याद रहेगी,
वो दर्द कि उट्ठा था यहाँ याद रहेगा|
इब्न-ए-इंशा