
अपनी साँसों की ख़ुशबू लगे अजनबी,
मुझ पर तेरे बदन की महक छा गई।
नक़्श लायलपुरी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
अपनी साँसों की ख़ुशबू लगे अजनबी,
मुझ पर तेरे बदन की महक छा गई।
नक़्श लायलपुरी