
मेरे बारे में कोई कुछ भी कहे सब मंज़ूर,
मुझको रहती ही नहीं अपनी ख़बर शाम के बाद|
कृष्ण बिहारी ‘नूर’
आसमान धुनिए के छप्पर सा
मेरे बारे में कोई कुछ भी कहे सब मंज़ूर,
मुझको रहती ही नहीं अपनी ख़बर शाम के बाद|
कृष्ण बिहारी ‘नूर’