आज फिर से एक बार मैं एक युगल गीत शेयर कर रहा हूँ, जिसे लता मंगेशकर जी और मुकेश जी ने गाया है| फिल्म – ‘नमस्ते जी’ के लिए यह गीत लिखा था अंजान साहब ने और इसका संगीत दिया था जी एस. कोहली जी ने| मुकेश जी और लता जी के बहुत से रोमांटिक गीतों में यह गीत भी शामिल है|
लीजिए आज प्रस्तुत है यह मधुर गीत-

बहारो थाम लो अब दिल,
मेरा महबूब आता है,
शरारत कर न नाजुक दिल
शरम से डूब जाता है|
कहर अंदाज़ हैं तेरे,
क़यामत हैं तेरी बातें|
मेरी तो जान लेंगे
ये बातें ये मुलाकातें|
सनम शरमाए जब ऐसे,
मज़ा कुछ और आता है|
शरारत कर न नाजुक दिल
शरम से डूब जाता है|
लबों पर ये हँसी कातिल,
गज़ब जादू निगाहों में,
कसम तुझको मुहब्बत की
मचल ऐसे न राहों में|
मचल जाता है दिल जब
रू-ब-रू दिलदार आता है|
बहारो थाम लो अब दिल,
मेरा महबूब आता है,
शरारत कर न नाजुक दिल
शरम से डूब जाता है|
आज के लिए इतना ही,
नमस्कार|
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