
यहाँ लिबास, की क़ीमत है आदमी की नहीं,
मुझे गिलास बड़े दे शराब कम कर दे|
बशीर बद्र
आसमान धुनिए के छप्पर सा
यहाँ लिबास, की क़ीमत है आदमी की नहीं,
मुझे गिलास बड़े दे शराब कम कर दे|
बशीर बद्र
अभी राह में कई मोड़ हैं, कोई आयेगा कोई जायेगा,
तुम्हें जिसने दिल से भुला दिया, उसे भूलने की दुआ करो|
बशीर बद्र
उतर भी आओ कभी आसमाँ के ज़ीने से,
तुम्हें ख़ुदा ने हमारे लिए बनाया है|
बशीर बद्र