
हर लम्हा ज़िन्दगी के पसीने से तंग हूँ,
मैं भी किसी क़मीज़ के कॉलर का रंग हूँ|
सूर्यभानु गुप्त
आसमान धुनिए के छप्पर सा
हर लम्हा ज़िन्दगी के पसीने से तंग हूँ,
मैं भी किसी क़मीज़ के कॉलर का रंग हूँ|
सूर्यभानु गुप्त