
शिकायत तेरी दिल से करते करते,
अचानक प्यार तुझ पर आ गया है|
फ़िराक़ गोरखपुरी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
शिकायत तेरी दिल से करते करते,
अचानक प्यार तुझ पर आ गया है|
फ़िराक़ गोरखपुरी
वही न मिलने का ग़म और वही गिला होगा,
मैं जानता हूँ मुझे उसने क्या लिखा होगा|
शीन काफ़ निज़ाम
तल्ख़ियाँ कैसे न हों अशआ’र में,
हम पे जो गुज़री हमें है याद सब|
जावेद अख़्तर
भूल के सब रंजिशें सब एक हैं,
मैं बताऊँ सबको होगा याद सब|
जावेद अख़्तर
बेगानगी पर उसकी ज़माने से एहतिराज़,
दर-पर्दा उस अदा की शिकायत कहाँ कहाँ|
फ़िराक़ गोरखपुरी
यूँ तो आपस में बिगड़ते हैं ख़फ़ा होते हैं,
मिलने वाले कहीं उल्फ़त में जुदा होते हैं|
मजरूह सुल्तानपुरी
हाँ उन्हीं लोगों से दुनिया में शिकायत है हमें,
हाँ वही लोग जो अक्सर हमें याद आए हैं|
राही मासूम रज़ा
वो नए गिले वो शिकायतें वो मज़े मज़े की हिकायतें,
वो हर एक बात पे रूठना तुम्हें याद हो कि न याद हो|
मोमिन खाँ मोमिन
लो आज हमने तोड़ दिया रिश्ता-ए-उमीद,
लो अब कभी गिला न करेंगे किसी से हम|
साहिर लुधियानवी
शुक्र ही शुक्र लिखे जाऊँ मैं उनके हक़ में,
कभी उनसे मैं शिकायात न लिखने पाऊँ|
राजेश रेड्डी