
नदिया सींचे खेत को, तोता कुतरे आम,
सूरज ठेकेदार सा, सबको बाँटे काम|
निदा फाज़ली
आसमान धुनिए के छप्पर सा
नदिया सींचे खेत को, तोता कुतरे आम,
सूरज ठेकेदार सा, सबको बाँटे काम|
निदा फाज़ली
सपना झरना नींद का, जागी आँखें प्यास
पाना, खोना, खोजना, साँसों का इतिहास|
निदा फाज़ली
सब की पूजा एक सी अलग अलग हर रीत,
मस्जिद जाए मौलवी कोयल गाए गीत|
निदा फाज़ली
मैं रोया परदेस में भीगा माँ का प्यार,
दुख ने दुख से बात की बिन चिट्ठी बिन तार|
निदा फाज़ली