
यहाँ तो सिर्फ़ गूंगे और बहरे लोग बसते हैं
ख़ुदा जाने यहाँ पर किस तरह जलसा हुआ होगा ।
दुष्यंत कुमार
आसमान धुनिए के छप्पर सा
यहाँ तो सिर्फ़ गूंगे और बहरे लोग बसते हैं
ख़ुदा जाने यहाँ पर किस तरह जलसा हुआ होगा ।
दुष्यंत कुमार