
जब आई मौत तो राहत की साँस ली हमने,
कि साँस लेने की ज़हमत तमाम हो गई है|
राजेश रेड्डी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
जब आई मौत तो राहत की साँस ली हमने,
कि साँस लेने की ज़हमत तमाम हो गई है|
राजेश रेड्डी
ज़िंदगी तो कभी नहीं आई,
मौत आई ज़रा ज़रा करके|
राजेश रेड्डी
क्या जानिए मौत पहले क्या थी
अब मेरी हयात हो गई है|
फ़िराक़ गोरखपुरी
ऐसा ख़ामोश तो मंज़र न फ़ना का होता,
मेरी तस्वीर भी गिरती तो छनाका होता|
गुलज़ार
हर गाम पर तरीक़-ए-मोहब्बत में मौत थी,
इस राह में खुले दर-ए-रहमत कहाँ कहाँ|
फ़िराक़ गोरखपुरी
फ़र्क़ आ गया था दौर-ए-हयात-ओ-ममात में,
आई है आज याद वो सूरत कहाँ कहाँ|
फ़िराक़ गोरखपुरी
ऐ मौत मुझे तूने मुसीबत से निकाला,
सय्याद समझता था रिहा हो नहीं सकता|
मुनव्वर राना
ज़िंदगी तेरी अता है तो ये जाने वाला,
तेरी बख़्शिश तिरी दहलीज़ पे धर जाएगा|
अहमद फ़राज़
अक्सर हुआ है मरने की माँग कर दुआएँ,
फिर हमने ज़िंदगी का अरमान कर लिया है|
राजेश रेड्डी
दुनिया में आँखें खोली हैं मूँदने की ख़ातिर,
आते ही लौटने का सामान कर लिया है|
राजेश रेड्डी