
वो करें भी तो किन अल्फ़ाज़ में तेरा शिकवा,
जिनको तेरी निगह-ए-लुत्फ़ ने बर्बाद किया|
जोश मलीहाबादी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
वो करें भी तो किन अल्फ़ाज़ में तेरा शिकवा,
जिनको तेरी निगह-ए-लुत्फ़ ने बर्बाद किया|
जोश मलीहाबादी
सुना है रब्त है उस को ख़राब-हालों से,
सो अपने आपको बरबाद करके देखते हैं|
अहमद फ़राज़
है पाश-पाश मगर फिर भी मुस्कुराता है,
वो चेहरा जैसे हो टूटे हुए खिलौने का |
जावेद अख़्तर