
है पाश-पाश मगर फिर भी मुस्कुराता है,
वो चेहरा जैसे हो टूटे हुए खिलौने का |
जावेद अख़्तर
आसमान धुनिए के छप्पर सा
है पाश-पाश मगर फिर भी मुस्कुराता है,
वो चेहरा जैसे हो टूटे हुए खिलौने का |
जावेद अख़्तर