
तू परेशां है, तू परेशान न हो,
इन ख़ुदाओं की ख़ुदाई नहीं जाने वाली|
दुष्यंत कुमार
आसमान धुनिए के छप्पर सा
तू परेशां है, तू परेशान न हो,
इन ख़ुदाओं की ख़ुदाई नहीं जाने वाली|
दुष्यंत कुमार
क्या दिमाग़ का हाल कहें,
सब आसार खलल के हैं।
बालस्वरूप राही