
उम्र के हर वरक़ पे दिल की नज़र,
तेरी मेहर-ओ-वफ़ा के बाब आए|
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
आसमान धुनिए के छप्पर सा
उम्र के हर वरक़ पे दिल की नज़र,
तेरी मेहर-ओ-वफ़ा के बाब आए|
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़