
लो आज हमने तोड़ दिया रिश्ता-ए-उमीद,
लो अब कभी गिला न करेंगे किसी से हम|
साहिर लुधियानवी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
लो आज हमने तोड़ दिया रिश्ता-ए-उमीद,
लो अब कभी गिला न करेंगे किसी से हम|
साहिर लुधियानवी
लो आज हमने तोड़ दिया रिश्ता-ए-उमीद,
लो अब कभी गिला न करेंगे किसी से हम|
साहिर लुधियानवी
ज्ञान ध्यान कुछ काम न आए,
हम तो जीवन-भर अकुलाए ।
पथ निहारते दृग पथराए,
हर आहट पर मन भरमाए ।
बालस्वरूप राही