
भूले थे उन्हीं के लिए दुनिया को कभी हम,
अब याद जिन्हें नाम भी अपना नहीं आता|
आनंद नारायण मुल्ला
आसमान धुनिए के छप्पर सा
भूले थे उन्हीं के लिए दुनिया को कभी हम,
अब याद जिन्हें नाम भी अपना नहीं आता|
आनंद नारायण मुल्ला
हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उनको,
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया|
साहिर लुधियानवी
कहीं-कहीं से हर चेहरा तुम जैसा लगता है,
तुमको भूल न पायेंगे हम, ऐसा लगता है|
निदा फ़ाज़ली
हम भूल सकें हैं न तुझे भूल सकेंगे,
तू याद रहेगा हमें हाँ याद रहेगा|
इब्ने इंशा
किसी आँख में नहीं अश्के-ग़म, तेरे बाद कुछ भी नहीं है कम,
तुझे ज़िन्दगी ने भुला दिया, तू भी मुस्कुरा उसे भूल जा।
अमजद इस्लाम
बेरुख़ी इससे बड़ी और भला क्या होगी,
एक मुद्दत से हमें उसने सताया भी नहीं|
क़तील शिफ़ाई
वह शक्ल पिघली तो हर शय में ढल गयी जैसे,
अजीब बात हुई है उसे भुलाने में|
जावेद अख़्तर
कितने ग़म थे कि ज़माने से छुपा रक्खे थे,
इस तरह से कि हमें याद न आए खुद भी|
अहमद फ़राज़
उसने भी छोड़ दी मेरे बारे में गुफ्तगू,
कुछ दिन के बाद मैं भी उसे भूल-सा गया|
वसीम बरेलवी
तुमको भुला रही थी कि तुम याद आ गए,
मैं ज़हर खा रही थी कि तुम याद आ गए|
अंजुम रहबर