आज मैं देव आनंद जी की फिल्म ‘प्रेम पुजारी’ के लिए किशोर कुमार जी का गाया एक गीत प्रस्तुत कर रहा हूँ, यह गीत नीरज जी ने लिखा था और नीरज जी द्वारा फिल्मों के लिए लिखे गए बहुत प्यारे गीतों में से एक है, इसके संगीत निर्देशक थे फिल्मों में अपनी धुनों के लिए विशेष रूप से जाने पहचाने दादा सचिन देव बर्मन जी और उनकी इस मस्ती भरी धुन पर गीत को किशोर दा ने अपने अनोखे अंदाज में गाया है|
लीजिए प्रस्तुत हैं इस मधुर प्रेम गीत के बोल-

फूलों के रंग से, दिल की कलम से
तुझको लिखी रोज़ पाती
कैसे बताऊँ, किस किस तरह से
पल पल मुझे तू सताती,
तेरे ही सपने, लेकर के सोया
तेरी ही यादों में जागा
तेरे खयालों में उलझा रहा यूँ
जैसे के माला में धागा,
हाँ, बादल बिजली चंदन पानी जैसा अपना प्यार
लेना होगा जनम हमें, कई कई बार|
हाँ, इतना मदिर, इतना मधुर तेरा मेरा प्यार
लेना होगा जनम हमें, कई कई बार|
साँसों की सरगम, धड़कन की वीना,
सपनों की गीतांजली तू
मन की गली में, महके जो हरदम,
ऐसी जुही की कली तू
छोटा सफ़र हो, लम्बा सफ़र हो,
सूनी डगर हो या मेला
याद तू आए, मन हो जाए, भीड़ के बीच अकेला|
हाँ, बादल बिजली, चंदन पानी जैसा अपना प्यार
लेना होगा जनम हमें, कई कई बार
पूरब हो पच्छिम, उत्तर हो दक्खिन,
तू हर जगह मुस्कुराए
जितना भी जाऊँ, मैं दूर तुझसे,
उतनी ही तू पास आए,
आँधी ने रोका, पानी ने टोका,
दुनिया ने हँसकर पुकारा
तसवीर तेरी, लेकिन लिये मैं, कर आया सबसे किनारा
हाँ, बादल बिजली, चंदन पानी जैसा अपना प्यार
लेना होगा जनम हमें, कई कई बार
हाँ, इतना मदिर, इतना मधुर तेरा मेरा प्यार
लेना होगा जनम हमें, कई कई बार
कई, कई बार… कई, कई बार
आज के लिए इतना ही,
नमस्कार|
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