
जाओ जीत का जश्न मनाओ,
में झूठा हूँ तुम सच्चे हो|
मोहसिन नक़वी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
जाओ जीत का जश्न मनाओ,
में झूठा हूँ तुम सच्चे हो|
मोहसिन नक़वी
हम भी कैसे दीवाने हैं किन लोगों में बैठे हैं
जान पे खेलके जब सच बोलें तब झूठे कहलाए।
राही मासूम रज़ा