
ख़याल जिसका था मुझे, ख़याल में मिला मुझे,
सवाल का जवाब भी, सवाल में मिला मुझे|
मुनीर नियाज़ी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
ख़याल जिसका था मुझे, ख़याल में मिला मुझे,
सवाल का जवाब भी, सवाल में मिला मुझे|
मुनीर नियाज़ी
हम उनकी बज़्म तक जा ही पहुँचते हैं किसी सूरत,
अगरचे राह में दीवार-ए-तन्हाई भी होती है|
क़तील शिफ़ाई
इतनी मुद्दत बा’द मिले हो,
किन सोचों में गुम रहते हो|
मोहसिन नक़वी
चंद कलियाँ निशात की चुनकर मुद्दतों महव-ए-यास रहता हूँ,
तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही तुझसे मिल कर उदास रहता हूँ|
साहिर लुधियानवी
ख़ाक़-ए-पा हो के मिलो, जिससे मिलो, फिर देखो,
इस बुलंदी से तुम्हें कौन उतरने देगा।
वसीम बरेलवी
अकेला इश्क़ है हिज्रो-विसाल* कुछ भी नहीं,
बस एक आलमे-दीवानगी है और मैं हूं|
(*विरह और मिलन)
कृष्ण बिहारी ‘नूर’
फ़र्ज़ करो ये जोग बिजोग का हमने ढोंग रचाया हो,
फ़र्ज़ करो बस यही हक़ीक़त बाक़ी सब कुछ माया हो|
इब्ने इंशा
कहाँ आके रुकने थे रास्ते, कहाँ मोड़ था उसे भूल जा,
जो मिल गया उसे याद रख, जो नहीं मिला उसे भूल जा।
अमजद इस्लाम
कैसे कह दूँ कि मुलाकात नहीं होती है,
रोज़ मिलते हैं मगर बात नहीं होती है|
शकील बदायूँनी
फिर हिज्र की लम्बी रात मियाँ संजोग की तो यही एक घड़ी।
जो दिल में है लब पर आने दो शर्माना क्या घबराना क्या॥
इब्ने इंशा