
उसकी याद आई हैं साँसों ज़रा धीरे चलो,
धड़कनों से भी इबादत में खलल पड़ता है|
राहत इन्दौरी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
उसकी याद आई हैं साँसों ज़रा धीरे चलो,
धड़कनों से भी इबादत में खलल पड़ता है|
राहत इन्दौरी