
वो मेरे घर नहीं आता मैं उसके घर नहीं जाता,
मगर इन एहतियातों से तअ’ल्लुक़ मर नहीं जाता|
वसीम बरेलवी
आसमान धुनिए के छप्पर सा
वो मेरे घर नहीं आता मैं उसके घर नहीं जाता,
मगर इन एहतियातों से तअ’ल्लुक़ मर नहीं जाता|
वसीम बरेलवी