
वो दिल जो मैंने माँगा था मगर ग़ैरों ने पाया है,
बड़ी शय है अगर उसकी पशेमानी मुझे दे दो|
आसमान धुनिए के छप्पर सा
वो दिल जो मैंने माँगा था मगर ग़ैरों ने पाया है,
बड़ी शय है अगर उसकी पशेमानी मुझे दे दो|
मैं देखूँ तो सही दुनिया तुम्हें कैसे सताती है,
कोई दिन के लिए अपनी निगहबानी मुझे दे दो|
साहिर लुधियानवी
ये माना मैं किसी क़ाबिल नहीं हूँ इन निगाहों में,
बुरा क्या है अगर ये दुख ये हैरानी मुझे दे दो|
साहिर लुधियानवी
तुम अपना रंज-ओ-ग़म अपनी परेशानी मुझे दे दो,
तुम्हें ग़म की क़सम इस दिल की वीरानी मुझे दे दो|
साहिर लुधियानवी
आँखें न झुकें तेरी किसी ग़ैर के आगे,
दुनिया में बड़ी चीज़ मेरी जान हैं आँखें|
साहिर लुधियानवी
लब कुछ भी कहें इस से हक़ीक़त नहीं खुलती,
इंसान के सच झूठ की पहचान हैं आँखें|
साहिर लुधियानवी
आँखें ही मिलाती हैं ज़माने में दिलों को,
अंजान हैं हम तुम अगर अंजान हैं आँखें|
साहिर लुधियानवी
आँखों से बड़ी कोई तराज़ू नहीं होती,
तुलता है बशर जिस में वो मीज़ान हैं आँखें|
साहिर लुधियानवी
हर तरह के जज़्बात का एलान हैं आँखें,
शबनम कभी शो’ला कभी तूफ़ान हैं आँखें|
साहिर लुधियानवी
जब तुम से मोहब्बत की हम ने तब जा के कहीं ये राज़ खुला,
मरने का सलीक़ा आते ही जीने का शुऊ’र आ जाता है|
साहिर लुधियानवी