राज़ है तेरा जो छुपा है मुझसे!

अब मिरे क़त्ल की तदबीर तो करनी होगी,
कौन सा राज़ है तेरा जो छुपा है मुझसे|

जाँ निसार अख़्तर

खुल जाओ किसी दिन!

राज़ों की तरह उतरो मिरे दिल में किसी शब,
दस्तक पे मिरे हाथ की खुल जाओ किसी दिन|

अमजद इस्लाम अमजद

कैंची लिफ़ाफ़ा काट जाती है!

पहुँच जाती हैं दुश्मन तक हमारी ख़ुफ़िया बातें भी,
बताओ कौन सी कैंची लिफ़ाफ़ा काट जाती है|

बेकल उत्साही